जीवन का सार
नहीं रहती हमेशा जवानी की बहार
सब कुछ यही रह जाना है
बस अकेले और खाली हाथ ही जाना है
न यह शरीर
न संपत्ति
न परिवार
यहाँ तक कि अपना शरीर भी छोड़ जाना है
आज नहीं तो कल जाना है
सब कुछ यही रह जाना है
बहुत इतराया
बहुत कमाया
बहुत जतन किया
बहुत अभिमान किया
बहुत नाम और शोहरत हासिल की
लेकिन संग तो कुछ भी नहीं
यह कडवा सच जीवन का
आज नहीं तो कल जाना है
सब कुछ यही रह जाना है
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