Thursday, 24 October 2019

सब कुछ मुफ्त में मिल रहा है भाई

सब कुछ मुफ्त में
बिजली ,पानी ,फोन
शिक्षा ,यातायात
गैस ,घर ,भोजन
दवाई ,इलाज
फिर काम करने की जरूरत क्या है
मुफ्तखोरो की फौज तैयार
अनधिकृत कालोनिया बनती रहेंगी
बिजली पानी चोरी होती रहेगी
कर्ज माफ होता रहेगा
काम की जरूरत क्या है
पांच रूपये में थाली
एक दिन करेंगे ,हफ्ते भर खाएंगे
खेत में मेहनत क्यों करें ??
बैठे रहेंगे निठल्ले
आवारागर्दी करते रहेंगे
नौकरीपेशा टैक्स भरते रहेंगे और मरते रहेंगे
वोट के लुभावने लालच दे रही है पार्टियां
देश का क्या
हमें तो भाई वोट से मतलब है
सत्ता चाहिए
किसी भी कीमत पर
साम ,दाम ,दंड ,भेद
हर कुछ का प्रयोग करें
धर्म और जाति के नाम पर अशांति फैला
मुफ्तखोरो की फौज तैयार करने की अपेक्षा काम दे
बेरोजगारो के लिए रोजगार निर्माण करें
काम करें और जीवनयापन करें
कुछ काम कर कर मरे जा रहे हैं
कुछ चैन से बैठे सारी सुविधा ले रहे हैं
ऐश कर रहे हैं
आलसी बन रहे हैं
न स्वयं का विकास न देश का विकास
बैंक में सरकार पैसा डाल रही है
शराब पीएगे
मोबाइल भराएगे
मोटरसाइकिल चलाएगे
एक रूपये में गेहूँ
एक रूपये में चावल
झंझट क्यों पाले काम का
ऐश करेंगे
अंधेर नगरी  की कहावत चरितार्थ
टका सेर खाजा टंका सेर भाजी
काम करने वाला भी
न करने वाला भी
सबका पेट भरेगा
सही है
अजगर करें न चाकरी ,पंछी करें न काम
दास मलूका कह गए ,सबके दाता राम

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