यह भी प्यारा
वह भी प्यारा
यह भी दोस्त
वह भी दोस्त
यह भी पडोसी
वह भी पडोसी
यह भी रिश्तेदार
वह भी रिश्तेदार
यह सब अपने
फिर अपना पराया क्यों ?
देश भी मेरा
देशवासी भी मेरे
हर धर्म समभाव
हर भेदभाव के परे
जाति और संप्रदाय से हटकर
सब हमारे
हम उनके
आज का नहीं
बहुत पुराना संबंध है
प्रगाढ़ है
इनको किसी बंधन में नहीं बांधा जा सकता
ये चले आ रहे हैं
वैसे ही चलते रहेंगे
हर कोई स्वतंत्र है
हर किसी के पास अधिकार
क्योंकि सब बातें तो होती रहेगी
पर उसमें एक खास बात यह है
जो हमको बांधती है
वह है हम भारतवासी
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Monday, 30 December 2019
हम है भारतवासी
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