Wednesday, 25 March 2020

घर में हैं जेल में नहीं

घर में बैठना है
और क्या करना है
अब समझ आएगा
घर में बैठना
इतना आसान नहीं
खाने का काम नहीं
जो रहते तुम्हारी खातिर
हर वक्त तैयार
घर में ही बीतता
उनका सारा वक्त
वे घर संभालते हैं
तब तुम निश्चिंत रहते हो
उनका योगदान बहुत अमूल्य
वे रहते घर में हैं
तुम रहते बाहर हो
हर दारोमदार
खुशी खुशी निभाते हैं
ख्याल रखते हैं
चाय से लेकर भोजन
साफ सफाई से लेकर कपडे
बच्चों से लेकर रिश्तेदार
राशन से लेकर दवाई
दूध - फल से लेकर सब्जी
सब उनके जिम्मे
अब मौका मिला है
साथ निभाओ
घर में रहो
हाथ बटाओ
कुछ सुनो कुछ सुनाओ
कुछ अपनी कुछ उनकी
घर में ही है आप
अपने ही घर में
जेल में नहीं
कुछ दिनों की तो बात है
बाहर निकल उसे मत बिगाडिए
अपनों के साथ रहे
घर में शांतिपूर्वक समय बिताए
बीमारी से दूर
अपनों के संग
यही है इस आपदा के समय
  मूलमंत्र

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