Friday, 24 April 2020

हम कहाँ से कहाँ पहुँच गए

लाॅकडाउन है
घर में ही रहना है
परसो अचानक कोई गलती से बटन दब गया
टी वी बंद हो गया
इतना परेशान कि क्या करें समझ नहीं आ रहा था
फोन किया एक पडोस में रहनेवाले को
उन्होंने कुछ इधर-उधर किया
टेलीविजन चालू हो गया
जान में जान आई
फ्रीज भी आज अचानक बंद पड गया
सब सामान बाहर निकाला
व्यवस्थित किया
थोड़ी परेशानी हुई
पर हो गया है सैटल
सोचने लगी
टेलीविजन जितना परेशान नहीं हुई
फ्रिज खराब होने पर
हम कितना गुलाम हो गए हैं
वह जमाना बीता
जब दाल चावल रोटी भाजी
रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल
आज उनकी जगह
पिज्जा 'ब्रेड ने ले ली है
तब यह था
जिसको खाना हो खाए
न खाना हो न खाए
खाना पडता ही था
संयुक्त परिवार था
किसी का नाज नखरा नहीं उठाना
आज एकल परिवार
एक या दो बच्चे
जिद पूरी ही करनी है
फ्रिज भरा रहता है
साॅस आ गया चटनी की जगह
चीज 'मक्खन अब जब चाहे तब उपलब्ध
फ्रिज बिना बात नहीं  बनती
टेलीविजन बिना मन नहीं लगता
हम कहाँ से कहाँ पहुँच गए

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