Friday, 29 May 2020

कर दो चमत्कार

क्या भगवन आप भी मौन है
ताले में है
आपके दर्शन को सब प्यासे हैं
कुछ तो करो चमत्कार
सबकी परेशानी हो जाय दूर
यह करोना हो जाय छूमंतर
सब फिर घर से निकले बाहर
पहले जैसी ही हो चहल-पहल
मंदिरो की घंटिया
मस्जिदों की अजान से सब हो गुलजार
आरती और भजन की गूंज हो
कपाट खुलने का सबको इंतजार हो
दर के बाहर भीड़ हो
दर्शन की कतार हो
प्रसाद की छीना-झपटी हो
दीप शांत दिख रहे
फूलों की मुस्कान गायब है
वो चरणों में चढने को प्रतीक्षारत
अब तो दया करो
सब है लाचार
तुम ही कर सकते हो चमत्कार

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