Thursday, 28 May 2020

यह जून अजब है

जून दस्तक देने वाला ही है
ऐसा नहीं यह जून हर साल नहीं आता था
हाँ इस समय की बात कुछ अलग है
हर साल जून आते ही तैयारियां शुरू हो जाती थी
एकाडमिक ईयर जो शुरू होता था
आज की वस्तुस्थिति अलग है
परीक्षा ही नहीं हुई
सब घर में बंद
न कोई कहीं जा पाया
न बच्चे खेल पाएं
न मजा मस्ती
पैरेन्टस भी प्रतीक्षा करते
कब छुट्टी खत्म हो
कब स्कूल खुले
थोड़ी शांति मिलेगी
बच्चों का भी प्रतीक्षारत
अपने दोस्तों से मिलना
स्कूल बस में मस्ती करना
नये किताब और काॅपी खरिदना
नया ड्रेस , नया बस्ता , नया कम्पस बाक्स
पढाई से डर
पर स्कूल तो जाना है
फिर बरसात भी शुरू
छप छप करना
नये रेनकोट और छाते
आते जाते उडाते चलना
जान बूझ कर भीगना
झुंड के झुंड में खडे रहना
क्लास में अपनी सीट पर कब्जा
नई क्लास टिचर
यह दिन नया होता था
स्कूल तो पुराना
हर जून नया
यह जून तो अजब है
न कोई हलचल
न कोई तैयारी
बस सब असमंजस में

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