Sunday, 14 June 2020

समय बदल गया है

समय बदल गया है
उम्र ढल गई है
अब वह पहले वाली बात नहीं रहीं
तब बात बात पर झगड़ा करते थे
रूठते थे और मनाते थे
सैर पर निकलते थे
मीलों चलते थे
घंटों बतियाते थे
झटपट झटपट काम कर डालते थे
किसी का मुंह नहीं ताका करते थे
ढेरों कहानियाँ और उपन्यास पढते थे
कभी-कभी तो पूरा करके ही दम लेते थे
क्या रात और क्या दिन
घंटों सोते थे
जी भर कर हंसते थे
मन भर कर खाते थे
चाट पकौड़ी और भेल
किसी की परवाह न करते थे
बस अपनी धुन में मस्त रहते थे
ज्यादा सोचते नहीं थे
जो समझ आता वहीं करते थे
आज वह पहले वाली बात नहीं रहीं
अब तो बंदिशो में जकड़ी जिंदगी
समय से उठना
समय से खाना
समय से सोना
समय से बाहर निकलना
ज्यादा पढना नहीं
दिमाग पर जोर डालना नहीं
खाने में परहेज करना
हम तो वही है जो थे
अब वह पहले वाली बात नहीं रहीं
अब केशों में सफेदी
ऑखों पर चश्मा
कदमो का लडखडाना
बोलने में अटकना
लगता है अब हिम्मत नहीं बची
अब हर बात में सोचना और समझना है
हर कदम को सावधानी से उठाना है
समय बदल गया है
उम्र ढल गई है
अब वह पहले वाली बात नहीं रहीं

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