जिंदगी तू भी कैसी है
कभी रूलाती है
कभी हंसाती है
कभी अकेला करती है
कभी भीड़ में
कभी गुनगुनाती है
कभी मुस्कराती है
कभी उदास करती है
कभी गमों के बोझ तले दबती है
कभी कुलांचे मारती है
कभी उचाईयों को छूने की कोशिश करती है
रहती है जमीन पर
पहुंचाना चाहती है चांद पर
तू वह लहर है
जिसका कोई किनारा नहीं
जिसकी कोई एक राह नहीं
कभी ज्वार कभी भाटा
पर तू रूकती नहीं
कभी थमती नहीं
जीवन रूपी समुंदर में गोते लगाती ही रहती है
कभी-कभी ऊंचाईयों को छूती है
किनारे पर खडे दर्शक तुझे निहारते रहते हैं
कभी-कभी लहरों को छूने का प्रयास भी
पर वह इतनी ऊंची कि हाथ नहीं आती
अठखेलियां करती रहती है
जीना सिखाती है
जीवन में उतार चढाव तो स्वाभाविक है
बस मैं तुम्हारे साथ हूं
हर सुख दुख
हर गम और खुशी में
मुझे मत छोड़ना बीच राह में
मुझसे जी भर प्यार करना
जैसी भी हूँ जो भी हूँ
बस तुम्हारी हूँ
इसे सहेजे रखना
जिंदगी तू बस मेरी है
बहुत खूबसूरत है
बहुत अनमोल है
बहुत प्यारी है
एक तू ही तो है जो संपूर्ण मेरी है
कभी नहीं रूठूगा
कभी नहीं तूटूगा
बस तुझे जी भर कर जीऊगा
मृत्यु को गले नहीं लगाऊंगा
तुझे जिंदादिली का अमृत पिलाऊगा
बस बीच में मेरा साथ मत छोड़ना
जिंदगी तू जो है
जैसी है
बस मेरी है
हमेशा मेरे साथ बनी रहना
सांसों की डोर को थामे रहना
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