थोड़ा रूक जाओ
थोड़ा ठहर जाओ
थोड़ा इंतजार भी कर लो
जल्दबाजी क्या है
जाना तो है सबको ही
थोड़ा सोच लो
क्या बस यही एक रास्ता
इतनी मेहनत
इतनी कामयाबी
शोहरत - दौलत भी
दिमाग बुद्धि भी
शिक्षा भी
कितनी मेहनत लगी होगी
यह सब हासिल करने में
चौंतीस साल लग गए
नष्ट करने में चौंतीस सेकंड भी नहीं
इतना स्वार्थी कैसे हो गए
बस अपनी सोचा
अपना परिवार
माता-पिता
भाई - बहन
शिक्षक - पाठशाला
दोस्त - मित्र
पडोसी - समाज
सबका हक
यह जिंदगी केवल तुम्हारी नहीं
सबकी मेहनत
सबका प्रयास
सबकी आशा
इसे खत्म करने का हक केवल तुमको नहीं
जब मन में आए
यह ख्याल
तब थोड़ा थमो
पीछे मुड़कर देखों
मैं नहीं तो
उनका क्या
जिनकी जान हूँ मैं
तब उनकी जान लेने का हक तुम्हें अकेले नहीं
जीते जी उनको जीवित लाश बना देना
इससे बडा पाप कोई नहीं
न अपने लिए जीओ
अपनों के लिए तो जीओ
बहुमूल्य जीवन को इस तरह से खत्म तो न करों
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 15 June 2020
जीवन को इस तरह खत्म मत करो
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment