Wednesday, 17 June 2020

कुछ सवाल छोड़ जाते हैं

कुछ  लोग चले जाते हैं
अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ जाते हैं
कुछ लोगों को आईना दिखा जाते हैं
कुछ को असलियत समझा जाते हैं
अंतरतम में झांकने को मजबूर कर जाते हैं
कुछ से परदा उठा जाते हैं
शोहरत और दौलत
खानदान और रूतबा
इन सबको बेनकाब कर जाते हैं
सच और झूठ का अंतर समझा जाते हैं
इंसानियत के देवता की पोल खोल जाते हैं
भले ही यह चले जाते हैं
पर सारे समाज को सोचने पर मजबूर कर जाते हैं
वह जो दिखता है
ऐसा होता नहीं
सच की ऑखों पर झूठ का परदा
मुंह खोलने में डर
विरोध करने में डर
कितना डर हर बात में डर
ऐसे जीने से तो फिर मरना बेहतर
सब चुप
हम भी चुप
पर क्यों
यह सवाल भी जेहन में छोड़ जाते हैं
   जाते जाते
कुछ लोग चले जाते हैं
अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ जाते हैं

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