कुछ लोग चले जाते हैं
अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ जाते हैं
कुछ लोगों को आईना दिखा जाते हैं
कुछ को असलियत समझा जाते हैं
अंतरतम में झांकने को मजबूर कर जाते हैं
कुछ से परदा उठा जाते हैं
शोहरत और दौलत
खानदान और रूतबा
इन सबको बेनकाब कर जाते हैं
सच और झूठ का अंतर समझा जाते हैं
इंसानियत के देवता की पोल खोल जाते हैं
भले ही यह चले जाते हैं
पर सारे समाज को सोचने पर मजबूर कर जाते हैं
वह जो दिखता है
ऐसा होता नहीं
सच की ऑखों पर झूठ का परदा
मुंह खोलने में डर
विरोध करने में डर
कितना डर हर बात में डर
ऐसे जीने से तो फिर मरना बेहतर
सब चुप
हम भी चुप
पर क्यों
यह सवाल भी जेहन में छोड़ जाते हैं
जाते जाते
कुछ लोग चले जाते हैं
अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ जाते हैं
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Wednesday, 17 June 2020
कुछ सवाल छोड़ जाते हैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment