Wednesday, 17 June 2020

दिल है तो दर्द भी है

हम मर्द है
मजबूत है
हमें दर्द नहीं होता
औरत की तरह कमजोर नहीं
फूट फूट कर रोना हमारा स्वभाव नहीं
नहीं यह सच नहीं
उसके सीने में भी एक दिल है
जो धडकता है
जो कमजोर है
टूटता और बिखरता है
ऊपर से भले मजबूत दिखाता है
चट्टान की तरह
पर जब चट्टान टूटता है
तब टुकडा टुकड़ा हो जाता है
यहाँ वहाँ बिखर जाता है
और उसे समेटना आसान नहीं
किसी के सामने दिल खोलना उसे गंवारा नहीं
अपना मजाक बनाना उसे पसंद नहीं
वह दृढ़ता से खडा रहता है
पर टूटता है तो आवाज नहीं होती
बस रह जाता एक सन्नाटा
दर्द झेल नहीं पाता
सबको अलविदा कह जाता है
यह दुनिया ही छोड़ जाता है
दर्द देने वाले का जिक्र नहीं करता
चुपचाप चला जाता है
दर्द झेल लेता है बिना किसी शिकवा शिकायत के
कौन कहता है
मर्द को दर्द नहीं होता
उसे भी होता है
किसी को भले न दिखता हो
सहानुभूति का मरहम न लगता हो
पर दर्द तो होता है यार
दिल है तो दर्द भी है

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