Monday, 15 June 2020

आज मन उदास है

आज मन उदास है
चिडिया की ची ची
कोयल की कू कू
कबूतर की गुटरगू
कौए की कांव कांव
कुछ सुनाई नहीं दे रहा है
हर दिन कुछ इरिटेट करते थे
कुछ कानों को प्यारे लगते थे
आज सब सुन्न
कोई अनुभूति नहीं
पता नहीं क्यों
पर है कुछ बात
सुबह में वह ताजगी नहीं
प्रकाश में वह तेज नहीं
बादलों मे वह हलचल नहीं
पेड़ो में वह सरसराहट नहीं
फूलों में वह मुस्कराहट नहीं
बस ऑखों में ऑसूओ की झिलमिलाहट
मन में अजीब सी तिलमिलाहट
हवा का रूख भी बदला बदला सा
न किसी से बतियाने का मन
न किसी का कुछ सुनने का मन
बस अपने आप में खोया
अजीब सी बेचैनी समेटे हुए
खामोशी को लपेटे हुए
जाने क्यों
जाने क्यों
आज मन उदास है

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