Monday, 15 June 2020

आत्महत्या की वजह

हर आत्महत्या की वजह होती है
भले उसके सबूत न हो
भले कुछ दिखाई न दे
भले कातिल न दिखता हो
पर कोई न कोई कातिल अवश्य होता है
ऐसे ही कोई जान नहीं देता
मन का कत्ल
दिल का कत्ल
आत्मा तक को जो नहीं छोड़ते
तब बचता क्या है
यह नश्वर शरीर
शरीर की पीडा सही जा सकती है
मन की पीडा नहीं
और यह पीड़ा देने वाला कातिल से कम नहीं
एक हंसता खेलता इंसान
जब ऐसा कदम उठाता है
तब वह बेवजह नहीं
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष
कोई तो जिम्मेदार होता ही है
बिना वजह सुसाइड नहीं होती
आत्म  और हत्या
यह अपने आप की हुई नहीं
साजिश ही होती है
इसका ताना बाना
क्षण भर में नहीं बुना जाता
मरते मरते
तिल तिल कर मन को मारता
आत्मा को मारता
अंत में अंदर तक रिक्त
और यही रिक्तता
परिवर्तित होती है
तब उसे आत्महत्या का नाम दिया जाता है

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