नेपटोजिम कह लीजिए
भाई भतीजावाद कह लीजिए
भाषावाद कह लीजिए
जातिवाद कह लीजिए
प्रांतवाद कह लीजिए
रंगवाद कह लीजिए
यह तो हर जगह विद्यमान है
कोई इससे अछूता नहीं
न फिल्मी जगत
न राजनीति का क्षेत्र
न और कोई जगह
हाँ कहीं कम ज्यादा
पर है तो अवश्य
आज से नहीं
बहुत पहले से
कोई नेता जब मुख्यमंत्री बनता है
तब अपनी जाति के लोगों को नौकरी की राह आसान कर देता है
कोई नेता जब प्रधानमंत्री बनता है तब अपने गृहक्षेत्र का विकास
कहीं इंटरव्यू में उन्हीं को प्रधानता जो उसी प्रांत के है
उनके भाषाभाषी है
पर लोगों ने अपना स्थान बनाया है अपनी काबिलियत से
ऊपर भी पहुंचे है
जो आपको पसंद नहीं करते उनके भी दिलों आ जगह बनाई है
यहाँ तो सबको आसानी से सब कुछ हासिल नहीं होता
वैसे तो कुछ ही भाग्यवान होते हैं
हमको तो खुद हमें साबित करना है
हम क्या है
जब रेल में लोकल ट्रेन में धक्का मुक्की कर घुसते हैं तब कोई नहीं चाहता
आप अंदर आए
पर आप धकेल धुकुल कर अंदर आते हैं
लोगों को गुस्सा भी आता है जैसे ट्रेन उनके बाप की हो
हिकारत से देखते हैं
मजाक उड़ाते हैं
बैठने को जगह नहीं देते हैं
पर कुछ ही दिनों बाद ये आपके दोस्त बन जाते हैं
आप कहीं भी जाइए
आपका बांहे फैलाकर कोई स्वागत नहीं करेंगा
आपको बताना पडेगा
आपको समझाना पडेगा
भाई मैं ऐसा हूँ
मुझमें यह काबिलियत है
कभी-कभी सालों लग जाते हैं
कुछ समझ पाते कुछ नहीं
क्या फर्क पडता है
आप नीरमा थोड़े ही हैं जो सबकी पसंद हो
यह तो होता है
हमारे साथ भी हुआ है
आपके साथ भी हुआ होगा
कितने तो मूर्ख ही सिद्ध कर देते हैं
पर आप तो हो नहीं
कोई सीढी लगाने वाला नहीं
खेचने को तैयार रहते हैं
कोई बात नहीं
आप अपना काम कीजिए
उनको उनका काम मुबारक
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Thursday, 18 June 2020
नेपटोजिम या भाई भतीजावाद
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