वह मौत नहीं ईशारा है
खतरे की घंटी है
घंटों पहले सब ठीक
यह सब अचानक
नहीं ऐसा नहीं होता
न जाने कौन सा घाव दिल पर लगा होगा
वह टीस रहा होगा
नासूर बन रहा होगा
तिल तिल जला रहा होगा
किस वजह से
अंजाने में या जान बूझकर
अपने आप
किसी का दिया हुआ
घाव ऐसे नहीं भरता
जख्म ऐसे ठीक नहीं होते
मरहम लगाना होता है
प्यार का
ममता का
अपनेपन का
निकटता का
एहसास का
एहसास ही मर जाएं
प्यार ही खत्म हो जाएं
कोई अपना न रहे
तब जिएंगे कैसे
कोई रास्ता नहीं
समझौता कर लीजिये
अगर वह भी नहीं
तब आखिरी रास्ता
क्या बचा
जान देने के सिवा
तभी कुछ लोग यही चुन लेते हैं
सबसे आसान रास्ता
लेकिन यह इतना आसान ??
स्वयं तो चले गए
पीछे अनुत्तरित प्रश्न छोड़ गए
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Saturday, 20 June 2020
आखिरी रास्ता क्या ???
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