तुम्हारे जाने से बादल भी गमगीन है
वह भी रो रहा है
सब सदमे में
सब स्तब्ध
तुम ऐसे क्यों चले गए
नहीं हो रहा किसी को विश्वास
ऐसा क्या था
जो तुम्हें खोखला कर रहा था
इतनी तन्हाई
इतना तनाव
हो सकता है
फिर भी फिर भी
यह तो नहीं होना चाहिए था
जो हुआ
वहाँ अकेले चले गए
यही अकेले रह लेते
और अकेले कहाँ थे तुम
बहुत से साथ थे
कुछएक की वजह से तुम सबको छोड़ चले
सबकी आशाओं को ध्वस्त कर चले
इतना निराश
इतना अंशात
अपना सुशांत
सबका प्यारा सुशांत
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Tuesday, 16 June 2020
इतना अंशात अपना सुशांत
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