Tuesday, 16 June 2020

जीवन बार बार नहीं मिला करता

माँ लो मैं तुम्हारे पास आ गया
तुम्हारे बिना नहीं रह पाया
तुम्हारी याद सताती थी
बहुत रूलाती थी
अब तो खुश हो लो
दौलत शोहरत सब छोड़ आया
जहां भी छोड़ आया
फिर भी तुम नाराज

हाँ मै नाराज
हाँ मै उदास
हाँ मै क्रोधित
मैंने ऐसा तो नहीं चाहा था
तू ऐसा कदम उठा
नौ महीने गर्भ में रखा
बडा किया
दिन रात एक किया
अपनी खुशियों को न्योछावर किया
इसका यह सिला दिया

अरे तू जीता
आगे बढता
उन्नति करता
मैं यही ऊपर से देख खुश होती
तुझ पर आशीर्वाद की वर्षा करती
मुझे गुस्सा आ रहा है अपने आप पर
तू इतना कमजोर कैसे हो गया
हार मान ली
बहुमूल्य जीवन को समाप्त कर लिया
मेरी ही परवरिश में कमी रही होगी

हो सकता है
तू तनाव ग्रस्त हो
तेरा दिल टूटा हो
पर तू तो सबका दिल तोड़ आया
दुनिया ही छोड़ आया

बहुत से ऐसे हैं
जिनके पास कुछ भी नहीं
तब भी वे जीते हैं
तुम्हारा वैसा तो हाल नहीं था
जीवन बार बार नहीं मिला करता
उसका तो सम्मान करता

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