Sunday, 14 June 2020

जायज और नाजायज

कुंती के पांच पांडव
सभी के पिता अलग-अलग
सभी किसी न किसी ईश्वर की संतान
युधिष्ठिर धर्मराज
भीम पवन देव
अर्जुन इंद्रदेव
नकुल और सहदेव अश्विनी कुमार
महाराज पांडु शाप से ग्रसित
तब पुत्र प्राप्ति के लिए
कुंती को दिया आदेश
माद्री पर भी कृपा करने को कहा
तब कर्ण को क्यों नहीं स्वीकार किया
देखा जाय तो कोई जायज नहीं
एक बात स्पष्ट है
अगर पति की  सहमति हो तो वह जायज
नियोग की प्रथा थी
संतान प्राप्ति के लिए
सत्यवती के पुत्र ही राज करेंगे
यही हुआ भी
हस्तिनापुर की राजगद्दी पर बैठने वाले
मुनी वेदव्यास की ही संतान थे
जो सत्यवती के पहले पुत्र
मुनी पाराशर से उत्पन्न
जायज और नाजायज़ ???
समाज बनाता है

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