मंदिर और वह भी करोना काल में
जब आर्थिक मंदी हो
अस्पताल बनना चाहिए
ऐसा तर्क है लोगों का
सही है अस्पताल होना चाहिए
पाठशाला होनी चाहिए
पर उसे रोका किसने
मंदिर पर तो रोक लगी थी
हम अपने अपने घरों में आराम से
हमारे भगवान को घर नसीब नहीं
तब धिक्कार है हम पर
सदियों से अधिकार नहीं मिला
राम जी हमारे तालपत्री के नीचे
यह कैसे सहा जा रहा था
और कोई धर्मावलंबी एतराज करें
तो कोई बात नहीं
पर एक हिन्दू एतराज करें
यह तो ठीक नहीं
आजकल बहुत से मैसेज सोशल मीडिया पर
बस अब बंद करो यह सब
मंदिर तो बनने दो
उसमें अडंगा मत लगाओ
अगर अब भी अक्ल ठिकाने नहीं आ रही
तब कुछ नहीं किया जा सकता
मंदिर तो बन कर रहेंगा
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