Thursday, 1 October 2020

आजादी की कीमत है न्यारी

आजादी की कोई कीमत नहीं
वह तो अनमोल है
वह न खरिदी जा सकती है
न बेची जा सकती है
न बांधी जा सकती है
बडे बडे जेल
लंबी मोटी जंजीरे
उसका कुछ नहीं बिगाड सकती
आजादी मन से होती है
विचारों में होती है
लाख पहरा सही
तब भी मन अगर मजबूत हो
तब कोई बाल बांका नहीं कर सकता
यह सभी को प्यारी होती है
आलीशान मकान
रूपया पैसा
अपार संपत्ति
यह इसको खरिद नहीं सकती
आजाद रहने का अपना एक अलग ही मजा है
सोने का पिंजरा हो
लाल अमरूद और हरी मिर्च हो
तब भी जंगल में उडने का आनंद अलग ही है
यह पता है कि
किसी शिकारी का शिकार हो सकते हैं
फिर भी वह आजाद जी हुई दो पल की जिंदगी
सब पर भारी
आजादी की कीमत है न्यारी

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