Sunday, 7 March 2021

मैं महिला हूँ

मैं औरत हूँ
मैं महिला हूँ
मैं नारी हूँ
मैं स्त्री हूँ
यह सच है पर मैं मानव भी हूँ
एक ममता भरा सुंदर सा मन भी है
मेरा अस्तित्व
मेरी अहमियत
मेरे पति से
मेरे बच्चों से
मेरे परिवार से
मेरे घर से
उनके बिना मैं अधूरी
दो परिवारों की इज्जत का भार मुझ पर
पिता और भाई
पति और बच्चे
मायका और ससुराल
सब जान है मेरी
अगर ये खुश नहीं
तब मैं कैसे ??
मेरा व्यक्तित्व इनसे ही
मुझे अच्छा लगता है
इनके लिए कुछ करना
त्याग और बलिदान तो मेरे लिए कोई नई बात नहीं
जब मैं अपना घर छोड़ती हूँ तब किसी अंजाने पर विश्वास
जब मैं पत्नी बनती हूँ तब अपने को मिटाती हूँ
जब मैं माॅ बनती हूँ तब अपने जीवन को दांव पर लगाती हूँ
बेटी , बहन , पत्नी , माँ ये तो मेरे ही हिस्से हैं
मैं इनसे अलग नहीं हूँ
इनसे ही मैं और मेरा अस्तित्व

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