मैं औरत हूँ
मैं महिला हूँ
मैं नारी हूँ
मैं स्त्री हूँ
यह सच है पर मैं मानव भी हूँ
एक ममता भरा सुंदर सा मन भी है
मेरा अस्तित्व
मेरी अहमियत
मेरे पति से
मेरे बच्चों से
मेरे परिवार से
मेरे घर से
उनके बिना मैं अधूरी
दो परिवारों की इज्जत का भार मुझ पर
पिता और भाई
पति और बच्चे
मायका और ससुराल
सब जान है मेरी
अगर ये खुश नहीं
तब मैं कैसे ??
मेरा व्यक्तित्व इनसे ही
मुझे अच्छा लगता है
इनके लिए कुछ करना
त्याग और बलिदान तो मेरे लिए कोई नई बात नहीं
जब मैं अपना घर छोड़ती हूँ तब किसी अंजाने पर विश्वास
जब मैं पत्नी बनती हूँ तब अपने को मिटाती हूँ
जब मैं माॅ बनती हूँ तब अपने जीवन को दांव पर लगाती हूँ
बेटी , बहन , पत्नी , माँ ये तो मेरे ही हिस्से हैं
मैं इनसे अलग नहीं हूँ
इनसे ही मैं और मेरा अस्तित्व
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Sunday, 7 March 2021
मैं महिला हूँ
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