बहुत याद आते हो बाबूजी
आप तो चले गए
हमें अकेले कर गए
जाना तो सबको है
वह हम भी जानते हैं
पर फिर भी मन नहीं मानता
हमारे वश में होता तो हम तो कभी जाने नहीं देते
याद है आपका हंसते हुए कहना
मैं जानता हूँ तुम लोग मुझे क्यों खिलाना चाहते हो
स्वार्थी है दुनिया
अपने फायदे के लिए
हाँ अपने लिए ही चाहती थी आप जीवित रहें
पिता का हाथ सर पर रहना
वह भाग्यशाली होता है
अपनी इच्छाओं का त्याग
अपने ऐशो-आराम को छोड़
संतान के लिए सब कुछ
अपने पुराने कपड़े
घर भर को नए कपड़े
अपने जमीन पर
संतान को पलंग पर
बच्चों का स्कूल बैग कंधे पर टांग
उसको स्कूल पहुँचाना
कालेज में एडमीशन के लिए सुबह से लाइन लगाना
खाना भूल गए तो ऑफिस पहुँचाना
यह तो एक बाप ही कर सकता था ।
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