बेचारी बडी गऊ है
एकदम सीधी है
यह कहा जाता था
आज गाय का नाम लेते ही सब चौकन्ने
किसान बेचारा परेशान
झुंड की झुंड आकर पूरी फसल चौपट कर जाती है
यहाँ - वहाँ घूम रही हैं
लोग परेशान हैं
अब कोई पालना या रखना नहीं चाहता
भावना नहीं रही पहले वाली
हिसाब किताब लगाता है
यह कितना खाएंगी
कितना दूध देगी
नफा है या नुकसान
नहीं फायदा है
बूढ़ी हो रही है तब छोड़ दो
खिलाने की जहमत कौन पाले
बछिया हुई तो ठीक
बछडा हुआ तब और मुसीबत
बैल का उपयोग आजकल हो नहीं रहा
ट्रेक्टर से खेत जोते जाते हैं
दूसरे काम भी मशीन से
जैसे बेटी जन्म लेने पर हमारे यहाँ उतनी खुशी नहीं
उतना ही बछडा होने पर नहीं
उल्टा है
फायदा देखा जाता है
आज लोग लाठी लेकर मार रहे हैं
भगा रहे हैं
गरीब गऊ किसान को और गरीब कर रही है
अब वह भी रहे सुरक्षित
फसल भी रहे सुरक्षित
वह कैसे संभव
यह सबसे बडी समस्या
उसका हल क्या ???
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Tuesday, 2 March 2021
गरीब और गऊ
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