क्यों प्यार में पागल हो जाता है इंसान
अपनी जिंदगी को दांव पर लगा देता है
प्यार के बदले प्यार चाहना
यह कोई जुर्म तो नहीं
बहुत नसीबवानों को मिलता है
आज के स्वार्थी दुनिया में यह संभव नहीं
अब जीने - मरने की कसमें बेमानी है
न जाने किसमें किस कदर बेईमानी है
तब प्यार भी सोच विचार कर किया जाएं
नाप - तौल कर किया जाएं
ऑखों पर पट्टी बांध कर नहीं
उस शख्स के लिए जान दे देना
जिसे तुम्हारी परवाह नहीं
जिंदगी इतनी सस्ती तो नहीं
आज तो प्यार में पागल नहीं होना है
दिल नहीं दिमाग से सोचना है
बेवकूफ नहीं बनना है
वह चाहे कोई भी हो
आत्महत्या जैसा कदम उठाना
जिसने प्यार नहीं किया उसके लिए
जो प्यार कर रहे हैं आपके अपने
उनके लिए तो जीया होता
उनके लिए न सही अपने लिए ही सही
आज एक बच्ची हंसते - हंसते नदी में कूद जा रही है
अपने पीछे प्रश्न छोड़ जा रही है
एकतरफा हो या दोतरफा
आदमी की फितरत तो कभी भी बदल सकती है
उसके लिए तैयार रहे
जीवन किसी के प्यार में गिरवी नहीं रखना है
नहीं है छोड़ दो
पर इस जिंदगी को मत छोड़ो
न जाने कितनों की मेहनत और प्यार
आपकी मेहनत और त्याग
बरसों से संजोये हुए
जहाँ एक ठोकर से विचलित
वह बर्दाश्त नहीं
मरना कैसे स्वीकार
खडे रहे
छोड़ दे
जो आपको ठोकर मार रहा है
जिसको आपकी कदर नहीं
उस शख्स के लिए
यह तो नाइंसाफ़ी है अपने आप से
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Tuesday, 2 March 2021
आयशा की खुदखुशी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment