Thursday, 23 September 2021

हमारे बाबूजी जैसा कोई नहीं

आज सपने में आए तुम बाबूजी
न आते तो भी कुछ बात नहीं
तुम तो हर पल साथ हो
यादों में सांसों में बसे हो
तुमसे ही तो हम हैं
यह जीवन है
जो तुम्हारी देन है
तुमने जन्म से लेकर पालन - पोषण
लिखाना- पढाना
काबिल बनाना
अपने पैरों पर खडा होना सिखाया
पितृ पक्ष तो साल में एक बार आता है
तुम तो हर रोज ध्यान में आते हो
जब कुछ करने जाते
तब तुम्हारा ख्याल आ जाता
तुम होते तो क्या कहते
तुम होते तो क्या कहते
खुश होते या नाराज होते
हाँ कहते या ना कहते
आप बिना हम अधूरे
आपकी शिक्षा के साथ हम पूरे
हमारे साथ साथ चलने वाले
मार्गदर्शन करने वाले
हम आपको कहाँ  भूलेगे??
क्यों भूलेगे  ??
हम तो आज भी गर्व से कहते हैं
हमारे बाबूजी जैसा कोई नहीं।

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