Thursday, 23 September 2021

हम ब्राह्मण हैं

मैं जाति का ब्राह्मण हूँ
हमारे पूर्वज भिक्षा मांग कर
पूजा - पाठ कर जीवन यापन करते थे
ज्ञान दाता थे
गुरू थे
राजा सिंहासन पर बैठता था
राजनीति हम सिखाते थे
मैं ही द्रोणाचार्य
मैं ही चाणक्य
मैं ही परशुराम
मैं ही सुदामा
हमें दरिद्र नारायण की संज्ञा दी गई
हमें आदर और सम्मान दिया गया
हमें पूजा गया
हम भी यही समझते रहें
हम सबसे श्रेष्ठ है
वहीं  हम अपना कर्म भूल गए
जमाना बदला
ब्राह्मण होने से काम नहीं चलेगा
हमें हर काम करना पडेगा
रोटी और घर का इंतजाम करना है
क्योंकि हम बडे जाति के हैं
हमारे लिए तो आरक्षण भी नहीं है
हाँ आजकल नेता और पार्टियां भी हमारे नाम पर राजनीति कर रही हैं
हमें किसी के झांसे में नहीं  आना है
कोई झुनझुना कोई लाॅलीपाप से लुभना नहीं है
तब अपने आप को उठाना है
इतिहास का गाना , गाने से कुछ नहीं हासिल होगा
अपनी महत्ता को साबित करना होगा
     छोड़ों  कल की बातें
     कल की बात पुरानी
     नई डगर पर चलकर
      फिर से लिखे नई कहानी
       हम हिन्दुस्तानी।

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