Friday, 3 December 2021

किस्मत का खेल

कोई समझे या न समझे
कोई माने या न माने
किस्मत तो होती ही है
उसके खेल भी निराले होते हैं
पल में क्या कर दे
फर्श से अर्श पर
अर्श से फर्श पर
यह कोई समझ  नहीं  पाता

यह हमारे हाथ में होती है
कहते हैं
अगर ऐसा होता
तो इंसान अपनी किस्मत स्वयं बनाता
नहीं कदापि नहीं
लाख जतन कर लो
जो होना है वही होगा
किस्मत के खेल निराले भैया

हाथ में किस्मत नहीं होती
इसे बदल भी नहीं सकते
तभी तो कहा है
   विधि  का विधान  अटल है रे भाई

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