Monday, 27 December 2021

एक सौ सत्तर करोड

कौन कहता है
हमारा देश गरीब है
तब सोने की चिड़िया डाल डाल पर उडती थी
आज डाल डाल पर पैसे
रुपयों का भंडार
कुछ ज्यादा नहीं
कल्पना से ज्यादा
एक सौ सत्तर करोड
वह भी घर में
लगता है रुपयों की बरसात हो रही होगी
कहाँ से आया
कैसे आया
यह तो जांच का विषय
इत्र व्यापारी के घर से इतने रूपये बरामद
रुपयों की सुगंध से घर भी महकता होगा
न जाने कहाँ कहाँ रखे मिलें
आश्चर्य की बात
नोटबंदी में भी इतने नोट शायद बैंक में आए नहीं होंगे
अब यह सफेद है काला है
कौन सा धन
यह तो पता नहीं
हाँ पर रूपये पेड़ पर फलते हैं क्या ??
यह तो कहावत थी
आज तो सच में दिख रहा है

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