पानी ही पानी
जहाँ इसके मंदिर
वहाँ तो नदी जरूर
जल जीवन है
यह हमें पता है
तभी नदियों को सम्मान
माता की उपाधि
स्वच्छता का महत्व
बिना स्नान किए मंदिर में प्रवेश नहीं
ईश्वर के दरबार में स्वच्छता का पालन जरूरी
पानी बिना जीवन नहीं
पानी है तब तक हमारा धर्म भी है
आज नहीं सदियों पहले हमने यह समझ लिया है
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