नहीं
गांधी आज भी जिंदा है
अपने सिद्धांतों में
आज भी बापू
उतने ही प्रासंगिक है
जब सत्य और अहिंसा की बात चलेगी
जब गुलामी की बात होगी
जब अन्याय की बात होगी
तब उनके शब्द याद रहेंगे
मानव थे वे
देवता नहीं
तब मनुष्य के रूप में
हर व्यक्ति उनकी बातों का अनुकरण करना चाहेगा
असम्भव कुछ भी नहीं
दृढ़ इच्छाशक्ति हो
तब किसी से भी टकराया जा सकता है
साबरमती के इस फकीर ने यह सिद्ध कर दिखाया
अंग्रेजों भारत छोड़ो
छोड़ना ही पडा
नमन इस महात्मा को
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