Monday, 31 January 2022

बापू को बख्श दो

तीन गोलियां लगीं 
मुख से निकला 
हे राम 
मारने वाले ने भी मारने से पहले नमस्कार किया
गांधी के हिन्दू और मुस्लिम में पक्षपात का आरोप है
इसलिए मारना पडा
यह एक कोरा बकवास है
वे हिन्दू ही थे
राम राज्य की कल्पना उन्होंने ही की
वैष्णव जन तो तेने कहिए 
     पीर पराई जाने रे
यह उनका पसंदीदा भजन
हिन्दू और वह भी वैष्णव 
हरिजन शब्द भी उनका ही दिया हुआ 
हरि यानि राम को मानने वाले 
यह महात्मा राम के आदर्शों को भी तो मानता  होगा
सर्वजन सुखाय
सर्वजन हिताय
यह तो करना ही था
हाँ विभाजन की विभिषका देखनी पडी बापू को
सब रोयें थे उस दिन
लोगों के घरों में चूल्हा नहीं जला था
हर गाँव हर व्यक्ति उनको अपना मानता था
संतान अलग हो
इससे ज्यादा पीडादयक क्या हो सकता था
आखिर मिल कर ही तो लडी थी 
सबने आजादी की लडाई 
उनमें कोई देशद्रोही तो नहीं था
हिंदुत्व से बापू को आंकना 
बापू तो शत प्रतिशत हिन्दू ही थे 
मंदिर जाते समय ही ईश्वर के प्रांगण में ही अपनी आखिरी सांसे ली
बापू को राजनीति के दलदल में न घसीटा जाएं 
बापू ने सब त्याग किया 
आज कौन है ऐसा
जो अपना घर नहीं भर रहा है
अपना घर ,अपना खानदान ,अपने रिश्ते दार
भरो तिजोरी और भाषण दो 
बडी बडी बातें करो 
पर बापू को बख्श दो

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