जो हर बात पर रूठ जाएं
संबंध तोड़ डालने की धमकी देने लगे
छोड़ जाने की बात कहने लगे
हर समय संभल कर रहना पडे
संभल कर बोलना पडे
कौन जाने कौन सी बात नागवार गुजरे
चुप रहना पडे
दिखावा करना पडे
औपचारिकता निभाना पडे
इससे तो दूसरे भले
कम से कम दिल की बात तो समझेगा
न पसंद तो न सही
यह तो जता देगा
यहाँ तो अपना भी बने रहना
न आगे चलने देना
न पीछे चलने देना
हर बात में तानाशाही चलाना
मजबूरी का फायदा उठाना
प्यार और स्नेह का भेजा इस्तेमाल
तब इसे क्या कहना
No comments:
Post a Comment