वो बेटा हो बेटी हो
क्या फर्क पडता है
माता पिता के लिए तो वह अमूल्य है
स्वर्ग के सारे सुख भी उसके आगे गौण हैं
यह बात सबको समझनी है
वह संपत्ति नहीं आपकी
सौभाग्य है
माॅ - बाप बनाया है
तुम्हारा अंश को फिर नया जन्म दिया है
अपनी ही छवि देखो उसमें
अपना बचपन और जवानी जीओ उसमें
जो कुछ तुम नहीं कर पाएं
उसके माध्यम से पूर्ण करों
उसे सोचो
पल्लवित करो
पुष्पित होने दो
लहलहाने दो
तुम खुश रहो देख कर
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