जो होना है वह होगा ही
माता-पिता न हो
तब भी बच्चे पल ही जाते हैं
घर न हो तब भी फुटपाथ पर बडे हो जाते हैं
पर उस तरह पलना और बडा होना
यह तो दुर्भाग्य है
माॅ - बाप का साया आसमान की तरह होता है
वह अमीर हो या गरीब
इससे फर्क नहीं पडता
हर बच्चा उसका राजकुमार और राजकुमारी होता है
घर उसका महल होता है चाहे कैसा भी हो
एक बादशाहत में जीना
कितना अच्छा लगता है
माता - पिता की गोद
सिंहासन से कम नहीं
सब उसके सामने फीके
तब माँ- बाप को दोष मत दो
कोसों मत
जैसे भी तुम्हारा पालन - पोषण किया हो
अपनी तरफ से कोई कसर नहीं रखी होगी
हर व्यक्ति की हैसियत और औकात अलग-अलग
पर अपने घर का वह बहुत अनमोल
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