Tuesday, 1 February 2022

ऐ मन तू क्यों घबराएं

ऐ मन तू 
क्यों घबराएं 
जो यहाँ तक लाया है
आगे भी ले जाएंगा
तूने क्या सोचा 
होता रहा क्या
फिर भी जो हुआ 
उसमें भी उसका ही एहसान 
कितनों को तो वह भी नहीं 
हर मुश्किल घडी में साथ रहा
बुरा समय भी निकलता रहा
यह भी वक्त गुजर जाएंगा
किसी का सोचा हुआ 
न हुआ है न होगा
कौन जाने 
आगे जीवन में क्या लिखा है
यह भी तो लिखने वाला ही जानता है
पल भर में क्या से क्या हो जाता है
यह जीवन है
इसकी डोर भी विधाता के हाथ में 
विधि के विधान पर भरोसा रख
जो यहाँ तक लाया है
आगे भी ले जाएंगा 

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