Monday, 7 February 2022

नहीं रही स्वर कोकिला

स्वर कोकिला के निधन से शब्द ही निशब्द  हो गए हैं 
क्या कहा जाएं 
समझ ही नहीं  आता
एक ऐसी लता जो हमेशा ऊपर की ही ओर जाती रही
ऊंचाईयों को छूती रही
भारत की शान बढाती रही
उन्होने गीतों को अमर कर दिया
आज ऑखों में हर किसी के ऑसू हैं 
मुख पर उनके गीत हैं 
हर कोई उनके साथ साथ अपने मनपसंद गीतों को गुनगुना रहा है
सुरों की मलिका अब हमारे बीच नहीं रही
हाॅ उनके गाने अमर है
कई पीढ़ियों पर राज करते आए हैं 
आगे भी करते रहेंगे 
हर तरह का गाना 
वह भी लाजवाब 
यह गुण हर किसी में नहीं हो सकते
भारतीयों के साथ-साथ विदेशियों के दिलों पर भी राज किया
फिल्म इंडस्ट्री की जान
भारत की आन - बान - शान
अब दूसरे लोक को प्रस्थान कर गयी

यह जीवन है 
इस जीवन का यही है 
यही है 
रंग- रूप

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