रूप को सौंदर्य का उपहार चुंबन नहीं तो और क्या है
दिनकर जी की उर्वशी में पढी थी तब हंसी आई थी
थोड़ा लाज भी
आज उम्र के इस पड़ाव पर महसूस होता है
क्या हर्ज है इसमें
प्रेम का इजहार होना ही चाहिए
हाॅ वह भद्दे और अश्लील न हो
शुद्ध प्रेम की भावना हो
वासना का निवास न हो
हमारे यहाँ इसको दबाया गया
छिपाया गया
जबकि पाश्चात्य संस्कृति में ऐसा नहीं है
और वह हमें अश्लील भी नहीं लगते
बद्दी गालियां, बेढंगा मजाक
दो अर्थी संवाद
अश्लीलता की हद पार करने वाले गाने
अश्लील नाच
यह सब हमारे यहाँ चलता है
होली तो इसका सबसे बडा उदाहरण
गाँव और कस्बों से गुजर जाइए
ऐसे ऐसे गाने बजते रहते हैं कि शर्म आती है
यह सब छोड़ दें तो ठीक रहेगा
अगर पवित्र मन से आलिंगन और चुंबन कर लिया
तो कुछ बुराई तो नहीं है
प्रेमी जोड़े हैं
नयी उमर है
मनाने दीजिए उनको वेलेंटाइन डे
सभी प्रेमियों को
Happy Valentine day
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