Monday, 7 March 2022

खुशबू

गुलाब डाली से अलग हो गया है
फिर भी जिस कोने में हैं वहाँ की शोभा बढा रहा है
खुशबू दे रहा है तब तक जब तक मुरझा न जाएं
हमारे बाद भी हमारे कामों की खुशबू बरकरार रहें
यह तो इस छोटे से फूल से सीखना होगा
मानो कह रहा हो
खुशबू हूँ मैं फूल नहीं 
जो मुर्झा जाऊं 
जब जब मौसम आएगा 
मैं याद आ जाऊंग
 

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