यह किसी का प्यार भरा उपहार
हाथ से बनी हुई पंखी
छोटे और झालरें लगाकर
पंखा है ए सी है
फिर भी बिजली का भरोसा नहीं
हाथ का बना बेचना और पंखी
यह हर वक्त उपलब्ध
हमारे लिए हैं लाजवाब
उपहार छोटा या बडा नहीं होता
उसके पीछे का प्यार
यह और भी महत्वपूर्ण तब हो जाता है
जब किसी मुस्लिम ने हिंदू को भेंट दिया है वह भी एक बूढी गरीब महिला
तब लगता है कभी-कभी
सब एक - दूसरे के पूरक हैं । विभाजन करने और कराने वाले कोई और होते हैं
प्रेम जात और धर्म नहीं देखता
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