Wednesday, 27 April 2022

माँ तो माँ होती है

न पिता न पति
न सास न ससुर
न भाई न भाभी
न बेटा न बेटी
न बहू न दामाद
न दोस्त न नाते रिश्तेदार
न पडोसी न सहकर्मी
ये चाहे कितने भी अजीज क्यों न हो
माँ   तुम्हारी जगह तो कोई ले ही नहीं सकता
हर रिश्ते की हिफाजत करें
तभी वह टिकता है
पर तुम्हारे रिश्ते में ऐसा नहीं
हम कैसे भी हो
पर माँ तो माँ होती है
तुम्हीं से तो जीवन शुरू
नाल काटकर अलग कर दिया जाता है
पर तुम्हारा रिश्ता चट्टान से भी मजबूत
एक बार ईश्वर पर से विश्वास उठ सकता है
वह मदद करेगा या नहीं
पर माँ तुम पर से नहीं
पता है मेरी माँ हर मुश्किल घडी में साथ खडी रहेंगी
कितनी भी नाराज हो
कितनी भी क्रोधित हो
कितना भी हमारे द्वारा अपमानित हो
फिर भी
हर कीमत पर
वह जन्मदात्री है
जब तक माँ होती है
तब तक कितना भी वयस्कर क्यों न हो जाय 
वह तो बच्चा ही रहता है
बहुत बडी नियामत है माँ
कहते हैं कि
ईश्वर नहीं आ सकता पृथ्वी पर
तो उसने माँ को भेज दिया
एक प्रसिद्ध रचनाकार का कहना
स्वामी तीन जगाचा
    आई विना भिकारी
यानि तीन जग भी मिल जाय
पर माँ बिना तो वह भिखारी ही है

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