सबको डर लग रहा है
लड रहे हैं
यूक्रेन और रशिया
परिणाम पूरे संसार पर
दोनों अपनी जिद पर
न पुतिन पीछे हटने को तैयार
न जेलेस्की अपनी जिद छोड़ने
मरना और मारना
हर युद्ध का उद्देश्य
मानवता की हत्या हो रही है
जान माल का नुकसान
एक घर बनाने में सालो लग जाते हैं
यहाँ एक क्षण में सब तबाह
कभी तो सुलह होगी
जब तक होगी
तब तक न जाने कितनी तबाही
उठ खडे होने में युक्रेन को सदियाँ लग जाएंगी
बर्बादी का मंजर हर दिन टेलीविजन पर
गुप्तजी ने कहा है
टुकड़े टुकड़े हो बिखर चुकी मर्यादा
उसको दोनों ही पक्षों ने तोड़ा है
पांडव ने कुछ कम कौरव ने कुछ ज्यादा
सही तो कोई नहीं है
अभी भी संभल जाएं
मानव जाति को बचा लिया जाएं
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