पग पग पर कांटे हैं
तुमने सोचा होगा
अब तो सारी मुश्किल खत्म
अच्छे दिन शुरू
ऐसा वास्तव में होता नहीं
पडोसी से लेकर सोसायटी
सडक से लेकर यातायात
बस ,गाडी ,ट्रेन से लेकर पैदल
कुछ न कुछ तो रोज ही घटित
और कुछ नहीं तो
किसी ने कुछ बोल दिया
व्यंग्य कर दिया
ताना मार दिया
कुछ ईष्या वश कुछ जलन वश
कुछ नही तो कोई अपनी आदत से मजबूर
हर जगह आपको चाहे - अनचाहे
इन सबसे सामना करना पडता है
आप आराम से रहें
खुश रहें
यह कोई नहीं चाहता
कभी किसी चीज को लेकर तो कभी किसी चीज को लेकर
घर से बाहर तक
हर जगह
संघर्ष तो करना ही पडता है
एक पल में माशा एक पल मे तोला
यही है दुनिया का खेला
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