यशोधरा को खबर नहीं
आधी रात को चोरी छिपे
अगर बताते तो क्या यशोधरा जाने देती
अपने प्राण प्रिय पति को रोक न लेती
वे तो जा रहे थे मोह से छुटकारा पाने
पत्नी और बेटे के प्रेम में फिर मोहग्रस्त हो जाते
तब संसार को बुद्ध नहीं मिलते
शांति और अहिंसा को सर्वोपरि मानने वाला नहीं मिलता
संसार को भी बुद्ध की जरूरत थी
यशोधरा और राहुल को भी
समष्टि के आगे व्यक्ति हार गया
बुद्ध को समाज की भलाई दिखी
किसी न किसी को त्याग तो करना ही था
तब तो यशोधरा ने भी किया
सिद्धार्थ ने भी किया
भगवान बनने के लिए यह तो करना ही था
भगवान बनना इतना आसान नही
सिद्धार्थ की तरह सब छोड़ना पडेगा
तभी बोधि की प्राप्ति होंगी
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