Tuesday, 3 May 2022

पति परमेश्वर

पति परमेश्वर है
उसकी सेवा करो
आप उसकी धर्म पत्नी है
यह आपका कर्तव्य है
जमाना बदला है
अब कोई परमेश्वर नहीं 
एक दूसरे के साथी है
गाडी के दो पहिये के समान है
कोई कम - ज्यादा नहीं 
परिस्थितियों में अंतर आ गया है
कोई किसी पर निर्भर नहीं 

यह बात भी सही है
घर तो दोनों के सहयोग से चलता है
फिर भी हम नारियों को एक बात तो माननी पड़ेगी
संसार का सर्वोच्च पद 
माता होने का दर्जा 
वही पुरूष देता है
अपने घर और हदय की रानी बनाकर रखता है
वैसे ब्याह तो जुआ का खेल
जो इसमें जीता वही सिकंदर 
फिर तो उसे राज करने से
इशारों पर नचाने से कोई रोक नहीं सकता
तभी तो सुहाग की अमरता की कामना की जाती है
व्रत- उपवास रखे जाते हैं 
क्योंकि वह है तभी तक आप बहुमूल्य है
तब उसे परमेश्वर मानने में हर्ज ही क्या है 

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