कुछ बात तो है इन फिज़ाओं में
कुछ बात तो है इन बहारों में
कुछ बात तो है मौसम की खुशगंवारी में
कुछ बात तो है इन पेड़ों की सरसराहटो में
कुछ बात तो है इन तारों की चाल में
कुछ बात तो है चंदा की चाँदनी में
हाँ बात तो है मेरे मन में भी
कुछ कहना चाहता है
खिलखिलाना चाहता है
गुनगुनाना चाहता है
थिरकना चाहता है
धडक धडक कर कहता है
जल्दी आओ अब तो
कब तक इंतजार करू
अब मिलन की घडियां करीब है
तभी तो मन भी उडना चाहता है
मन प्रसन्न तो पूरी कायनात ही प्रसन्नता से सराबोर
चहुँ ओर खुशी ही खुशी दृष्टि गोचर
यह सब तुम्हारे आगमन का कमाल
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