Sunday, 8 May 2022

हे कालरात्रि हे कल्याणी, मेरी माँ के बराबर कोई नहीं

तू सबसे सुन्दर 
तू सबसे अच्छी 
तू सबसे सहनशील
तू सबसे प्यारी
तू सबसे न्यारी 
तू सबसे पवित्र 
तू सबसे समझदार
तू सबसे धैर्य वान 
तू ईश्वर के समकक्ष 
तू ईश्वर का अनुपम वरदान 
तेरे बिना सारा जहां ही सूना
तू है जहाँ वहाँ ही स्वर्ग 
तू ही सबसे पहली गुरू
यह सब तू है माता
तेरा मुझसे जन्म जन्म का नाता
तेरे ही गर्भ से उत्पन्न 
तुझसे ही मेरा असतित्व 
संसार में मेरी अहमियत 
तू नहीं तो कुछ भी नहीं 
सारे संसार का सुख एक तरफ
माता की गोद एक तरफ 
ईश्वर को तो देखा नहीं 
हाँ तुझे जरूर देखा है
तू देवकी भी है तू यशोदा भी है
जब तक तू तब तक हमारा गुरूर
क्या मजाल कि 
कोई ऑख उठाकर देख भी ले
तब तो तेरा चंडी रूप भी सामने आ जाएंगा
सारे जग से जो हमारे लिए लड लेंगी 
हमारी ढाल बन कर खडी हो जाएंगी
हमारी सारी चिंता अपने ऊपर ले लेंगी 
वह होती है माँ 
राजा चार जगाचा 
आई विना भिकारी 

No comments:

Post a Comment