Wednesday, 4 May 2022

हमारा प्यारा नीम

नीम तो वही है बस लोग बदल गए हैं। बरसों  से यह खडा है। न जाने  कितनी पीढियाँ देखी है । 
तब सुबह  नीम की दातून से दिन शुरू  होता था ।रात में  उसी के  पेड़  के  नीचे बडे - बूढे सोते थे । दोपहर में  बच्चे  खेलते थे ।छाया के  नीचे खटिया डाल चर्चा। 
अब तो टूथपेस्ट  और पंखा का जमाना है । जमाना  तो बदला है पर नीम  नहीं  बदला है , वह वैसे  ही खडा है मजबूती से जो उसके  पास है वह देने के लिए। 
यह हम पर है हम  क्या लेते हैं  ??

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