सूर्य सा तेज है तुममें
घर में तुमसे ही प्रकाश है
तुम्हारी उपस्थिति से घर में एक नई रोशनी छा जाती है
तुम्हारी खुशी से पूरा घर प्रकाशित हो उठता है
तुमसे से ही तो यह घर
तुमसे ही तो मेरा सुहाग
तुमसे ही तो मेरे चेहरे पर मुस्कान
तुमसे ही तो मेरा गुरूर
तुमसे ही तो घर की रौनक
तुमसे ही तो मेरे चेहरे पर नूर
तुम ही मेरा जग
तुम ही मेरा संसार
तुमसे ही तो मेरा असतित्व
तुम बिन मैं शून्य
तुम्हारे बिना जी तो लूंगी मैं
पर वह मात्र शरीर होगा
आत्मा नहीं
तुम मेरी शान
तुम मेरा अभिमान
यह सूर्य सदा चमकता रहें
इसकी रोशनी में, मैं खिलखिलाती रहूँ
यहाँ वहाँ डोलती फिरूं
चहकती फिरूं
ईश्वर से दुआ
तुम सलामत रहो
तुमसे ही मेरा जीवन आबाद
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