हमेशा सहिष्णुता दिखाई है
बहुसंख्यक होने का फर्ज निभाया है
बडे भाई की भूमिका में रहे हैं
तभी आप सीना तान घूम रहे हैं
अपने अधिकारों के साथ जी रहे हैं
हमेशा बडा भाई ही फर्ज निभाएँ
उसकी गलतियों को माफ करें
तब छोटा क्या करेंगा
कब तक छोटा बना रहेगा
अब तो वह भी बडा हो गया है
तब बडा दिल दिखाएं
जो अन्याय बडे भाई के साथ हुआ है
वह भी उनके पूर्वजों ने किया है
उसमें सुधार करें
अपना कर्तव्य निभाएँ
बडे भाई को उसका अधिकार दिलाएँ
प्रायश्चित करें
अपनी जिद छोड़ दे
ताली तो दोनों हाथ से बजती है
वह भी प्रेम का हाथ बढाए
वह भी सहिष्णु बनें
तभी तो सद्भाव रहेंगा
भाई चारा बढेंगे
किसी का हक छीनने पर सिर्फ महाभारत ही हो सकता है
दुर्योधन की तरह जिद न करें
पांच गाँव तो क्या सुई की नोक की बराबर भी जमीन न देंगे
तब तो धर्म युद्ध निश्चित है
ज्यादा कुछ नहीं चाहिए
हमें माॅ श्रृंगार गौरी की पूजा - अर्चना का हक मिले
नंदी महाराज को उनके भोले शिव मिलें
हमारा मंदिर हमें वापस मिले
अतीत में की गई आततायियों की गलतियों को सुधारा जाएं
यही तो हम अपने छोटे भाई से मांग रहे हैं
वे भी दरियादिल बनें।
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