Saturday, 21 May 2022

कब तक हिन्दू सहिष्णु रहें

हम तो सहिष्णु हैं 
हमेशा सहिष्णुता दिखाई है
बहुसंख्यक होने का फर्ज निभाया है
बडे भाई की भूमिका में रहे हैं 
तभी आप सीना तान घूम रहे हैं 
अपने अधिकारों के साथ जी रहे हैं 

हमेशा बडा भाई ही फर्ज निभाएँ 
उसकी गलतियों को माफ करें 
तब छोटा क्या करेंगा
कब तक छोटा बना रहेगा 
अब तो वह भी बडा हो गया है
तब बडा दिल दिखाएं 
जो अन्याय बडे भाई के साथ हुआ है
वह भी उनके पूर्वजों  ने  किया है
उसमें सुधार करें 
अपना कर्तव्य निभाएँ 
बडे भाई को उसका अधिकार दिलाएँ 
प्रायश्चित करें 
अपनी जिद छोड़ दे

ताली तो दोनों हाथ से बजती है
वह भी प्रेम का हाथ बढाए 
वह भी सहिष्णु बनें 
तभी तो सद्भाव रहेंगा
भाई चारा बढेंगे
किसी का हक छीनने पर सिर्फ महाभारत ही हो सकता है
दुर्योधन की तरह जिद न करें 
पांच गाँव तो क्या सुई की नोक की बराबर भी जमीन न देंगे 
तब तो धर्म युद्ध निश्चित है
ज्यादा कुछ  नहीं  चाहिए 
हमें माॅ   श्रृंगार गौरी की पूजा - अर्चना का हक  मिले
नंदी महाराज को उनके भोले शिव मिलें 
हमारा मंदिर हमें वापस मिले 
अतीत में की गई आततायियों की गलतियों को सुधारा जाएं 
यही तो हम अपने छोटे भाई से मांग रहे हैं 
वे भी दरियादिल बनें। 

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